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अंततः बिहार चुनाव के नतीजे आ गए I महागठबंधन को भारी – भरकम जीत मिली I 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजापा ने माननीय नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भारी – भरकम बहुमत प्राप्त किया फिर ऐसा एक साल में क्या हो गया कि बिहार में माननीय प्रधान मंत्री मोदी जी का जादू नहीं चला I दूसरी बात यह कि वह कौन से कारण थे कि 1993 से अलग अलग रहने वाले नीतीश कुमार और लालू प्रसाद जी एक ही माला के दो मनके हो गए I लोकसभा चुनाव से पहले मोदी जी गुजरात के विकास की हुंकार भर रहे थे और नीतीश कुमार जी अपने द्वारा किये गए विकास कार्यों का उल्लेख बड़ी शालीनता से कर रहे थे I जब भाजापा और जदयू की दोस्ती टूटी और लालूजी और जदयू ने अलग अलग लोकसभा का चुनाव लड़ा तो मिले नतीजों ने दोनों की आँखें खोल दींI वक़्त की नजाकत को समझते हुए लालू और नीतीश जी दोस्त बन गए और दोस्ती को सही रास्ता दिखाने में महत्वपूर्ण कार्य किया सोनिया गाँधी जी ने I नीतीश कुमार जी ने अपने द्वारा किये हुए विकास कार्यों का उल्लेख कर , लालू जी ने अगड़ी , पिछड़ी और अतिपिछड़ी जातियों को अटूट विश्वास दिला कर और राहुल व सोनिया गाँधी जी का माननीय मोदी जी पर अंहकारी होने का आरोप लगाकर व चुनावी रैलियों में पद के अनरूप भाषा का प्रयोग न करने को मुद्दा बनाकर बिहार का युद्ध जीत लिया I
यह नतीजे एक ऐसे समय पर आये हैं जब देश में सहशुणता व असहिशुणता पर बहस छिड़ी हुयी हैI प्रतीकात्मक विरोध प्रदर्शित करते हुए कुछ माननीय लेखक, वैज्ञानिक और फ़िल्मी कलाकार अपने अपने पुरस्कार लौटा रहे हैं और श्री अनुपम खेर जी के नेतृतव में कुछ लोग पुरस्कार लौटाने का विरोध कर रहे हैं I यह सही वक़्त है माननीय मोदी जी के लिए पिछले एक साल में हुयी गलतियों से सीख लेने का I बिहार के चुनाव नतीजों ने मोदी जी के द्वारा उठाये जाने वाले राजनीती में परिवारवाद के मुद्दे को सिरे से नकार दिया I मतदाता मानता है कि सदन में कामकाज बुनियादी रूप से सरकार का दायित्व होता है I संसद का मानसून सत्र ठप्प करने का कांग्रेस पर हलकी भाषा में आरोप लगाना भी मतदाता ने नकार दिया क्योंकि 2014 से पूर्व भी संसद का काम – काज ठप्प किया जाता था I भूतपूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन जी पर मौन रहने का आरोप लगाने वाले माननीय मोदी जी कुछ अहम् मसलों पर चुप हो गए I दादरी हत्याकांड व गौमांस वाले मुद्दे पर मोदी जी का बयान तब आया जब माननीय राष्ट्रपति महोदय ने इसका संज्ञान ले लिया I माननीय मोदी जी भाजापा के बडबोले और मुखर नेताओं पर लगाम कसने में असफल रहे I मतदाता भाजापा से अधिक मोदीजी को जानता है उसे भाजापा से अधिक मोदी जी पर विश्वास है इसलिए मोदी जी से विकास के अलावा और कोई बात सुनना मतदाता को पसंद नहीं आया Iबहराल नीतीश कुमार जी का विश्वास कि बिहार को गुजरात मॉडल नहीं चाहिए जीत गया लेकिन मतदाता के सामने एक सवाल खड़ा हो गया कि प्रधानमंत्रीजी के द्वारा जो पैकेज घोषित किया गया था ,क्या अब वह मिलेगा ?
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